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कुछ क्रिकेट की, कुछ किसान की

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  3-2 से भारत ने इंग्लैंड को जो धोबीपछाड़ मारा है, उसका ख़ौफ़ अंग्रेज़ों को लंबे वक़्त तक रहने वाला है. आखिरी मैच में तो रोहित शर्मा और कोहली ने सलामी जोड़ी के तौर पर जो कलाकारी दिखाई है, उससे तो कई और टीमों के माथे पर बल पड़ गए होंगे. जब इस सफ़र का आग़ाज़ टेस्ट सीरीज़ के साथ हुआ था, तब सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे तक ने दिल को एक चोट पहुँचाई थी. जब वे बाक़ी हर चीज़ में एपोलिटिकल रहते हैं, तो एक चिंदी-सी बात पर उन्हें एकदम से कुछ दूसरे ज्ञात चाटूकारों के साथ सुर में सुर मिलाकर ट्वीट करने की ज़रूरत क्यों पड़ी. किसी का एक खुले मंच पर किसी के पक्ष या विरोध में कुछ कह देना कोई इंटरनेशनल साज़िश कैसे हो सकती है? साज़िश का तो मतलब ही यही होता है न कि किसी के पीठ पीछे किसी को नुक़सान पहुँचाने, फँसाने आदि के इरादे से प्लानिंग करना.  अगर हम ग्लोबल होने की होड़ में हैं, तो आंदोलनों को भी ग्लोबल सपोर्ट मिलेगा. यह कोई हाय-तौबा मचाने वाली चीज़ नहीं है.  बहरहाल, क्रिकेट फ़ैन तो फिर भी हूँ. मैच देखना फिर भी पसंद है. मुँह पर रहता था कि ट्वीट करने वाला एक भी बैट्समैन न चले, ल...

बीसीसीआई को याचक से शासक बनाने वाले जगमोहन डालमिया

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न सिर्फ़ दुनिया भर में बल्कि खुद अपने देश में भी क्रिकेट को सिरमौर बनाने के लिए जगमोहन डालमिया याद रखे जाएंगे. एक वक्त था जब भारत में ही क्रिकेट मैच दिखाने के लिए बीसीसीआई प्रसार भारती को पैसे देता था. 1993 तक. तब भारत एक बार विश्वकप जीत चुका था. क्रिकेट भारतीयों के ज़ेहन में रचने-बसने लगा था और तभी सचिन के साथ-साथ कुछ नये युवा खिलाड़ी टीम में आए जिन्होंने अपने शानदार खेल की बदौलत देश और दुनिया में फतह के झंडे गाड़े. डालमिया ने लोगों की नब्ज पढ़ी थी. क्रिकेट के चढ़ते बुखार को समझा था. और उन्होंने प्रसार भारती को पैसे देने की बजाय उल्टे प्रसारण अधिकार बेचने की घोषणा की. इस एक फैसले ने बीसीसीआई को करोड़ों-अरबों रुपये दिए. दुनिया भर के टीवी चैनल देश की बढ़ती अर्थ-शक्ति को देख-समझ रहे थे जिसे भुनाने में भारतीय क्रिकेट बोर्ड कामयाब रहा. कभी क्रिकेट की एक असरहीन टीम , जिसका लक्ष्य बस हार टालने की कोशिश हुआ करता थी , किसी तुक्के से याचक से शासक नहीं बनी. जगमोहन डालमिया जब 1997 में आईसीसी के अध्यक्ष बने थे तब महज 16000 पौंड की पूंजी वाली इस संस्था को 16 मिलियन पौंड तक पहुंचाने का श्रेय...