नोएडा के Stellar Lifestyle ने अपनी एक छाप छोड़ दी है

 दिल्ली से नोएडा ले जाने वाली विशालकाय एक्सप्रेस वे पर भीमकाय पोस्टर लगे मिलते हैं। उन्हीं में से एक पोस्टर पर लिखा था, "Noida's Stellar Life Style Has Made its Mark Now", यानी कि नोएडा की ज़बरदस्त जीवनशैली ने अब अपनी एक छाप छोड़ दी है।


इस विज्ञापन को देखते ही मेरा किराए का 2BHK फ़्लैट मेरे अंतर्मन को साक्षात दिखने लगा। गलती से भी अगर कहीं हवा की थपेड़ खाकर दरवाज़ा ज़ोर से लग जाए तो बंद होते हुए साथ में चौखट से सीमेंट के कई टुकड़े भी अपनी आवेश में ले लेता है और बिचारी-सी दीवार शर्म से अपना मुँह भी नहीं छिपा पाती। चलो यहाँ तो फिर भी यह तर्क है कि दरवाज़ा ज़ोर से जा भिड़ा, मगर जहाँ ज़िन दीवारों और छतों के किसी और चीज़ से लड़ने-भिड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है, वे भी बिचारी झड़ती रहती हैं। दरवाज़ों के हैंडल को अगर आपने नाज़ुक हाथों से हैंडल नहीं किया तो वे हैंडल आपका हैंडल बनने के बजाय आपके हाथों में निकल आएँगे।


सुबह या दिन के जिस भी पहर आँखें खुले, सबसे पहले कुल्ला करने का मन होता है, लेकिन नलों से आने वाला पानी इतना खारा होता है कि आपको शक हो सकता है कि कुल्ला करके आप अपना मुँह धो रहे हैं या उसे और गंदा कर रहे हैं।

अगर आप मेरी तरह सुविधाभोगी जीवन पसंद करते हैं और मेरी तरह घर से काम करते हैं तो गर्मियों में कभी-कभी आपका बिजली बिल आपके किराए से भी ज़्यादा सकता है। है कमाल का Stellar LifeStyle!


यही सब सोचते-विचारते घर पहुँचा तो रात के साढ़े नौ बज चुके थे और बड़ी हिकारत के साथ उसी खारे पानी से हाथ-मुँह धोते-धोते सवा दस बज गए। फिर खाना ऑर्डर करने के लिए ज़ोमैटो पर पहुँचा तो पता चला कि पिछले पाँच-छह दिन से नोएडा में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्फ़्यू लगा रहता है इसलिए सुबह होने से पहले कोई खाना ऑर्डर नहीं हो सकता।


जिस शहर में आधी रात कहीं एक मर्डर हो जाने पर पुलिस पब्लिक को सुरक्षा का आश्वासन देने के बजाय हफ़्ते भर का कर्फ़्यू लगा दे, उस शहर की जीवनशैली को Stellar जैसे विशेषण से सँवार देना एक ऐसी मिसाल है जो विडंबना का मतलब समझाने के लिए बिल्कुल माकूल होगी।


मरता क्या करता! टैप में आने वाले बेहद ही खारे पानी से चावल को दो-तीन बार धो लेने के बाद उसकी फ़ाइनल धुलाई बिसलेरी वाले पानी से की और इंडक्शन पर चढ़ा दिया। उसी में नमक, मिर्ची पाउडर, हल्दी, ज़ीरा और एक चम्मच घी डाल दिया ताकि भोजन नीरस लगे। सोचा जब तक चावल पकेंगे, थोड़ी सोयाबीन फुलाकर रख लेता हूँ। चूँकि इंडक्शन बस एक स्टोव वाला था, तो चावल बन जाने के बाद सोयाबीन को रिफ़ाइन में तलकर उस पर नमक-वमक छिड़ककर उसे भी पीले चावल में मिक्स करने का प्लान था। भोजन को थोड़ा और रस मिल जाता। अभी यह सब सोच ही रहा था कि एकदम से घर में घनघोर अँधेरा छा गया। बत्ती गुल! और मेरे दिमाग़ में फिर से वही वाक्यांश आए - Stellar Life Style!

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